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Varanasi : Ghats on the Ganges and Spiritualism (Manikarnika Ghat )

That sounds like a profound and transformative experience. Visiting the ghats on the Ganges in Varanasi can indeed offer a unique perspective on life and death. The rituals and ceremonies conducted there are deeply rooted in Hindu traditions and can evoke a range of emotions and reflections.

When you witness the ceremonies at the ghats, especially the process of cremation, it's natural to feel a mix of emotions. The sight of burning pyres and the immersion of ashes in the holy river might initially evoke feelings of sadness or fear, but many people find that it also brings about a sense of peace and contemplation. The experience often leads to a deeper understanding of life’s impermanence and the spiritual beliefs surrounding death.

Here are a few tips for visiting the ghats in Varanasi:

  1. Respect the Traditions: The ghats are sacred places, so it’s important to approach them with respect. Avoid taking photographs of the cremation ceremonies unless given explicit permission.

  2. Dress Modestly: Wear modest clothing that covers your arms and legs. It’s a sign of respect for the local customs and traditions.

  3. Hire a Local Guide: A knowledgeable guide can provide valuable insights into the rituals and history of the ghats, enhancing your understanding of what you’re witnessing.

  4. Be Prepared for Crowds: The ghats can be quite crowded, especially during peak times and festivals. Be prepared for a bustling atmosphere.

  5. Stay Hydrated and Safe: The weather can be hot and humid, so keep hydrated and protect yourself from the sun. Also, be cautious near the river, as the currents can be strong.

  6. Reflect and Meditate: Take some time to sit quietly and reflect on your experiences. The atmosphere at the ghats is conducive to meditation and introspection.

Visiting the ghats can be a deeply moving experience that offers a new perspective on life and spirituality. I hope your journey to Varanasi is both enlightening and fulfilling.


A moment at the ghats on the Ganges in Varanasi…

8 PM in the evening; it was dark, but there was light. The light emanated from the tens of funeral pyres. Around the pyres, small groups of people had gathered at the Manikarnika Ghat. Among the groups of people that had gathered, most had moist eyes bidding final goodbye to a near and dear one. Some were helping out the mortal remains to burn in the piles of wood and ghee (clarified butter); they do this more than a hundred times everyday! And there were onlookers like me.




वाराणसी: गंगा पर घाट और अध्यात्मवाद ( मणिकर्णिका घाट )


यह एक गहरा और परिवर्तनकारी अनुभव लगता है। वाराणसी में गंगा के घाटों का दौरा वास्तव में जीवन और मृत्यु पर एक अनूठा दृष्टिकोण प्रस्तुत कर सकता है। वहां आयोजित किए जाने वाले अनुष्ठान और समारोह हिंदू परंपराओं में गहराई से निहित हैं और कई प्रकार की भावनाएं और प्रतिबिंब पैदा कर सकते हैं। जब आप घाटों पर होने वाले समारोहों, विशेषकर दाह संस्कार की प्रक्रिया को देखते हैं, तो भावनाओं का मिश्रण महसूस होना स्वाभाविक है। जलती हुई चिताओं का दृश्य और पवित्र नदी में राख का विसर्जन शुरू में उदासी या भय की भावना पैदा कर सकता है, लेकिन कई लोगों का मानना ​​है कि इससे शांति और चिंतन की भावना भी आती है। यह अनुभव अक्सर जीवन की नश्वरता और मृत्यु से जुड़ी आध्यात्मिक मान्यताओं की गहरी समझ पैदा करता है। वाराणसी में घाटों की यात्रा के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं: परंपराओं का सम्मान करें: घाट पवित्र स्थान हैं, इसलिए उनके प्रति सम्मान के साथ जाना महत्वपूर्ण है। जब तक स्पष्ट अनुमति न दी जाए, दाह संस्कार समारोहों की तस्वीरें लेने से बचें। शालीन पोशाक पहनें: शालीन कपड़े पहनें जो आपकी बाहों और पैरों को ढकें। यह स्थानीय रीति-रिवाजों और परंपराओं के प्रति सम्मान का प्रतीक है। एक स्थानीय गाइड किराए पर लें: एक जानकार गाइड घाटों के अनुष्ठानों और इतिहास में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है, जो आप देख रहे हैं उसके बारे में आपकी समझ को बढ़ा सकता है। भीड़ के लिए तैयार रहें: घाटों पर काफी भीड़ हो सकती है, खासकर व्यस्त समय और त्योहारों के दौरान। हलचल भरे माहौल के लिए तैयार रहें। हाइड्रेटेड और सुरक्षित रहें: मौसम गर्म और उमस भरा हो सकता है, इसलिए हाइड्रेटेड रहें और खुद को धूप से बचाएं। इसके अलावा, नदी के पास सावधान रहें, क्योंकि धाराएँ तेज़ हो सकती हैं। चिंतन और मनन करें: शांति से बैठने और अपने अनुभवों पर विचार करने के लिए कुछ समय निकालें। घाटों का वातावरण ध्यान और आत्मनिरीक्षण के लिए अनुकूल है। घाटों का दौरा एक गहरा मार्मिक अनुभव हो सकता है जो जीवन और आध्यात्मिकता पर एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है। मुझे आशा है कि वाराणसी की आपकी यात्रा ज्ञानवर्धक और संतुष्टिदायक होगी।


वाराणसी में गंगा घाट पर एक पल...


शाम को 8 बजे; अंधेरा था, लेकिन रोशनी थी। दसियों चिताओं से निकली रोशनी। मणिकर्णिका घाट पर चिताओं के आसपास लोगों के छोटे-छोटे समूह जमा हो गए थे। एकत्रित हुए लोगों के समूह में से अधिकांश की आंखें अपने किसी प्रियजन को अंतिम विदाई देते हुए नम थीं। कुछ लोग पार्थिव शरीर को लकड़ी और घी के ढेर में जलाने में मदद कर रहे थे; वे ऐसा प्रतिदिन सौ से अधिक बार करते हैं! और मेरे जैसे दर्शक भी थे।





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